हमारे पास क्या है?


क्रमशः...........

हिंदी में
मौको कहाँ
ढूँढ़े रे बंदे
भाग प्रथम

कौन कहां?

1. भाग प्रथम

1.   यह पुस्तक क्यों लिखी गई? .....................07

2.   आपकी हमारी बात ................................16

3.       आपको हो सकता है मीलियन
डॉलर का नुकसान ...............................22

4.       इस पुस्तक का अधिकतम लाभ लेने के लिए
आप ये काम जरूर करें ............................24

5.   हमारे पास क्या है? .................................29

6.   क्या आपको इसकी जरूरत है? ..............101

7.   डरों की डोर .................................122-195




हमारे पास क्या है?
    ह बात सब जानते हैं कि आज जमाना कितनी तेजी से बदल रहा है। जितनी तरक्की किसी समय में दो-तीन दशकों में हुआ करती थी वह तरक्की एक वर्ष में हो जाती है। विकास की जाजम लम्बी हो चुकी है। बाजार के ट्रैण्ड भी बदल रहे हैं। मंदी का दौर जारी है। मार्जिन मनी घट रही हैजेबें छोटी होती जा रही हैं। महंगाई की मार तेजी और गहराई से पड़ने लग गई है। महंगाई को झेल पाने के लिए आमदनी उतनी नहीं बढ़ रही हैं। नतीजा टेन्शन। मनी और टाइम मैनेजमेन्ट गड़बड़ा गए हैं। पर्यावरणीय असंतुलन बढ़ गया है। लाइफ फास्ट हो चली है। ऐसे में लाइफ स्टाइल सम्बन्धी बीमारियां घर-घर में घुस चुकी हैं। इसमें हैरत करने की जरूरत नहीं है! ब्लड प्रेशरडायबिटीजहृदयरोगमोटापाअस्थमाहाईपर टेंशनतरह-तरह के मनोरोगकैंसरएड्स जैसे रोग तोहफे में मिलना आज साधारण-सी बात हो गई है! छह-सात दशक पहले इनका नाम भी नहीं सुना जाता था। मगर आज ऐसी-ऐसी कई महा बीमारियां की प्रतिवर्ष वंशावली पैदा होती है और उनका नामकरण संस्कार किया जाता है। आपके ये सब नहीं हैं तो शुक्र मनाएंआप बड़े  खुशकिस्मत हैं! परन्तु बड़े दु:ख की बात है कि आप इन महा दानवों से ज्यादा समय दूर नहीं रह सकते! सावधान हो जाइए और समय रहते किसी अच्छे से डॉक्टर का फोन नम्बर अपनी जेब में रखिएपता नहीं कब जरूरत पड़ जाए!
क्योंक्योंऐसा क्या किया हमने! ऐसा आपने नहीं किया है। ऐसा तो हम सबने कर डाला है। जो किया है उसे सब जानते हैं! मानव की मूर्खताओं की कृपा से वातावरण पूर्णरूप से दूषित हो चुका है। हवा में जहर तैर रहा है। पानी में जहरसब्जी और अन्न में जहरदूध में जहर और विचारों में जहर घुला हुआ है। क्या आपको पता है आप जो सब्जी चटकारे लेकर खा रहे हैं वह खेत की है या किसी गन्दे नाले की! नहीं न!! चलो खेत की मान लें फिर भी इसमें पेस्टीसाइडफंगीसाइड आदि जहर न हो यह नहीं कहा जा सकता! और इसकी गारंटी भी कोई लेने वाला नहीं है। और आप खा गए तो पूछने वाला भी कोई नहीं है। आप कहां जाकर सुनाएंगे ये सब! और फिर आपकी सुनवाई होगी कहांआपकी और हमारी लाइफ स्टाइल में ये सब आज आम बात हो चली है! ऊपर से हमारा रहन-सहन और खान-पान भी तो विशेष श्रेणी में आ गया है। फास्ट फूड यानि लास्ट फूडजंक फूडठंडे पेयतली हुई चीजेंमिठाईचायकॉफीशराब आदि और न जाने क्या-क्यापेट भरने से मतलब! रसोई के बर्तनों को उठाकर देखोउन पर भी चिपका है कास्टिकअच्छा है यह भी पेट में वजन बढ़ाने का काम करेगा! यह भी अच्छा ही है!! आप हर जगह फैल रहे इस जहर से बच नहीं सकते। अब तो यह जहर मॉं के दुग्धधारा में भी जा घुसा हैजिसे भावी पीढ़ी इस धरा पर आते ही पीना शुरू कर रही है। भोजन के हर निवाले में जहर का साम्राज्य हो गया है। ऐसे में क्या आप इस जहर से बच सकते हैंयदि बचोगे तो कहां तकजरा हमें भी तो बताओसुनाओयह दुनिया तेजी से जहर की चपेट आ रही हैपूरी दुनिया में जहर फैल रहा है। सावधान!!

क्रमशः...........


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